क्या खुसी सिर्फ एक समझौता है ?

खुसी सिर्फ एक समझावता है, इसके अलावा कुछ भी नहीं है। क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे। आप इस बात पर यकीन तो नहीं करेंगे, लेकिन आप जब आप इन बातो को जानोगे तो, आप जरूर इस बात यक़ीन करोगे मै ऐसे ही नहीं कह रहा हु । यदि आप हमारी इन बात पर ध्यान दोगे तो आपको पता चलेगा की हम हर एक पल खुशी से अपने ज़िन्दगी में समझावता कर रहे है। जिसको हमें नहीं करना चाहिए , क्योकि हो न हो हम अपना ही कही न कही नुकसान करके अपने ही खुशियों को दबा रहे है । जिसको हमें नहीं करना चाहिए, लेकिन हम मज़बूरी वश कर रहे है। आइए हम इसे विशतार से समझते है – आपके पास जो है उससे आप कही न कही उससे खुश नहीं है । इसे हम एक उदाहरण से समझते है आपके पास यदि सायकल है तो आप बाइक की चाहत करेंगे , आपके पास बाइक होगी तो आप कार की चाहत करोगे , कार हो जाएगी तो फिर आप किसी और चीज की चाहत करोगे । यही हम में से हर इंसान अपनी ज़िन्दगी में कर रहा है जबकि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए इस तरह से हम अपने खुशियो के साथ समझावता कर रहे । इंसान बहुत ही लालची होता है उसे जितना भी मिल जाये उसके लिए काम ही होता है । आप यदि यही सोचोगे की मुझे भगवान जितना दिया है वह मेरे लिए बहुत है । मैं इतने में ही खुश हूँ ।। आप यदि इसमें ही अपनी संतुष्टि ढूंढ लिए आप तो यक़ीन मनाइये आप से खुश किस्मत आदमी कोई भी नहीं होगा । 

हमारे यहाँ एक कहावत है :- काम खाओ गम खाओ ?

क्या खुसी सिर्फ एक समझवाता बन के रह गया है । दोस्तों क्यो हम अपने खुसी के साथ में समझवात करते जा रहे है जैसे की यदि हम पांच रुपये की आइसक्रीम भी लेते है तो उसमे भी सोचने लगते है हम की कही हम बीमार न हो जाये । इस इसक्रीम की खाकर यदि हम यह सोचते है तो अपने खुसी के साथ हम हर पल में समझवता करते जा रहे है । ऐसे ही यदि हम अपने खुसी के साथ समझावता करते जायेगे तो एक दिन ऐसा आएगा की केवल हम सिर्फ अपनी ज़िन्दगी में समझवात ही करते जायेगे और ज़िन्दगी का कभी भी आनंद नहीं उठा पाएंगे । हमें भले ही ऐसा लगता है कि हम अपनी ज़िन्दगी में खुश है, लेकिन हम खुश होते हुए भी खुश नहीं है हम केवल खुश होने का दिखावा कर रहे है और कुछ नहीं बस ज़िन्दगी एक मजाक बन के रह गयी है अभी लोगो का सोच ऐसा हो गया कि जो पैसा वाला है वही केवल खुश है परन्तु बिलकुल भी ऐसा नहीं है हर इंसान खुश हो सकता है लेकिन हर इंसान ने खुसी को केवल पैसा बना लिया है जिसके वजह से ही लोग खुश नहीं है और अपने खुसी के साथ समझावता करते जा रहे है । अब आप ही बताये ऐसे में कोई इंसान खुश रह सकता है क्या नहीं न यदि आप खुसी को किसी और में शामिल कर देंगे तो आप कहा से खुश रह पाएंगे आपके लिए तो खुसी तो एक समझावता ही बन के रह गया है न यदि आप अपने खुसी का समझावता नहीं करते है तो उसका कहा  से  समजावता होगा । यह तो एक कहा के जैसा हो गया जिसमे एक राजा होता है और वह भगवान कि कठोर तपस्या करने के वरदान मांगता है कि मई कभी भी मरना नहीं चाहता तो भगवान उसको ऐसा वरदान तो नहीं देते लेकिन ऐसा बोलते है कि यदि तुम चाहो तो अपने जान को इस शरीर से कही और रख सकते हो जिससे तुम्हारी मिर्तु इस शरीर को मारने से नहीं होगा और तुम नहीं मरोगे जिसके बाद वह अपने जान को एक तोता में रख देता है जिससे वह कभी नहीं मरुँगा करके लेकिन जब कोई उस तोते को मार देता है जिसके बाद वह इंसान मर जाता है, ठीक ऐसे ही हम अपने साथ कर रहे है दोस्तों अपने खुसी को न देखते हुए दुसरो के साथ अपना समय ख़राब करते है और पश्चाते है कि कास मै समय रहते सुधर जाता तो ऐसा दिन नहीं देखने को मिलता ऐसा सोचते है । जबकि हमें ऐसा ही करना चाहिए समय रहते सुधर जाना चाहिए ।

खुसी का मतलब किसी भी तरह से पैसा कामना नहीं है । दोस्तों पैसा तो कोई भी कमा लेता है, लेकिन खुसी हर कोई नहीं कमा सकता है खुसी पाने के लिए हमें उससे पहले दुख और तकलीफ देखने को मिलता है । लेकिन हम यह नहीं स्वीकारते है और केवल हमें खुसी और खुसी ही मिलती रहे ऐसा हम सोचते है । खुसी क्या है दोस्तों हमें छोटी छोटी हर चीज में मिलने वाला ही खुसी है । आप चाहे उसे कार बाइक लेने में ढूंढ या आप उसे एक इसक्रीम में ढूंढ ले आपके हाथ है किस्मे आपको खुसी चाहिए, लेकिन हम यही पर गलती करते है कि हम अपने खुसी के साथ पैसा को देख कर समझवता करने लगते है ।

क्या हमें हर चीज में समझवता करना चाहिए नहीं ना तो आप अपने छोटी – छोटी खुशियों के पल पर ध्यान रखना चाहिए और हमेशा इन बातो पर गौर करे और अपनी ज़िन्दगी को सफल बनाये । आप अब हमेशा खुश रहे ताकि आपसे खुसी का कोई भी वक़्त छूट ना जाये आप हमेशा से ज़िन्दगी की हर घडी में आप खुश रहे ।

हर पल हम अपनी खुशियों को समझावता तो कर रहे है साथ में उसको हम बात भी रहे है जो कि हमारे लिए खतरा के जैसा कैसे चलिए हम आपको बताते है कैसे आप यदि कही पर भी रहते होंगे यदि आप एक नए कार लेके आते हो और आपके परोसी से आप कहते हो कि आज मैंने नई कार लिया करके उसको आप मिठाईया खिलते हो और आपको पता नहीं होता है कि वह आपसे मिठाईया तो खा लेता है लेकिन मन ही मन में कितन जल रहा होता है वह आपका परोसी और आप सोचते है चलो उसको मिट्टइया खिलता हु और आपकी इस कार के पीछे की महेनत को नहीं देख रहा होता है, लेकिन उसके मन में आपके प्रति जलन की भावन ज़रूर आ जाती है जिसको आप नहीं समझते है अपनी खुशियों को यू ही बिना सोचे समझे बाटने लग जाते हो । जिसका आपको कुछ ना परिणाम बाद में देखने को मिल सकता है जैसे वह आपका परोसी आप के कार को जलन के वजह से चोरी  कर सकता है या फिर तोड़ फोड़ कर सकता है आपके कार के ऊपर तो आपको खुसी बाटने से पहले सावधान हो जाना चाहिए । आप कभी भी परिणाम को बिना सोच समझे कुछ भी फैसला नहीं लेना चाहिए जिससे हमें बाद में उसकी बहुत बड़ी किमत chukani padh जाये और हमरी खुसी केवल ghate का सौदा बन के रह जाये । ऐसा कुछ भी हमें भी नहीं करना चाहिए बस हम आप से यही कहना chahege दोस्तों तो आप hamesa से इन बातो का जरूर से ध्यान rakhan चाहिए । 

आपको मै एक सलाह देना चाहता हु कि दोस्तों कि खुसी चाहे जितनी भी अच्छा क्यो ना हो लेकिन कभी भी आपको उसको अपनी कमजोरी नहीं बनाना है दोस्तों नहीं तो आपको बाद में बहुत तकलीफ का सामन करना होगा ।