richest film industry
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Hollywood vs Bollywood में कौन से फ़िल्म देखना पसंद करेंगे

यदि आप को हम अपने मन पसंद के फ़िल्म देखने का मौका देंगे तो आप किसको देखना चाहोगे यह सवाल हम आपसे करते हैं तो आप क्या जवाब देना चाहोगे चलिए आज हम सब के मन को जानने की कोशिश  करते हैं ।

सो बेसिकली बॉलीवुड की मूवीस किस तरह की होती है एक हीरो उसकी हीरोइन एक विलन हीरो की फैमिली हीरोइन की फैमिली उनके इमोशन कुछ प्यार वाले रोमांटिक गाने हीरो और विलेन के बीच की फाइट फिल्म को हिट करने के लिए एक आइटम सॉन्ग और आखिर में लगभग हर एक बॉलीवुड फिल्में आ रहे हैं लेकिन सारी फिल्में ऐसी नहीं होती यह हमारे ऊपर डिपेंड करता है कि हम कौन सी फिल्में देखना पसंद करते हैं बॉलीवुड सम कॉन्सेप्ट वाले मूवी देखना पसंद करते हैं जब भी कोई परिसर और इंटेलीजेंट मूवी बनती है तो वह उनके दिमाग के ऊपर से जाती है और ऑडियंस का रिएक्शन कुछ इस तरह का होता है ।

king of film industry in India
king of film industry in India

यहां पर हम आपको बता दे की तंबाद फिल्म के डायरेक्टर रही अनिल बर्ग जब कुछ प्रोडक्शन हाउसों को अप्रोच करने गए थे कि हमारे फिल्म प्रोड्यूस करो तब कोई प्रोडक्शन हाउस ने कहा था की फिल्में थोड़ा मसाला डालो एक कलर डालो आइटम सॉन्ग डालो तभी यह फिल्म ऑडियंस को पसंद आएगी और कुछ पैसे कमा पाएंगे तो इससे पता चलता है कि हमारे ऑडियंस कैसी फिल्में देखना पसंद करती है कुछ लोग कहते हैं कि इंडिया में हॉलीवुड की इनसेप्शन जैसी दिमाग हिला देने वाली कंपलेक्स फिल्में क्यों नहीं बनती और इसका जवाब है लेकिन लोगों को समझ नहीं आती और आती भी है तो बहुत ही काम है ऐसी ऑडियंस है जो ऐसी फिल्मों को देखना पसंद करते हैं एग्जांपल के तौर पर देखा जाए तो 2007 में नो स्मोकिंग नाम के फिल्म आई थी जो अनुराग कश्यप ने बनाई थी यह फिल्म बॉलीवुड में किया गया एक एक्सपेरिमेंट था इस फिल्म को हम इनसेप्शन जैसी इंटेलिजेंट मूवी के साथ कंपेयर कर सकते हैं लेकिन फिल्म फ्लॉप रही लोगों को समझ नहीं आई लोग डायरेक्टर को बोलने लगे कि यह कैसे फिल्म बनाई है कुछ समझ ही नहीं आती तो इंडियन ऑडियंस को वही फिल्में पसंद आती है जिसके लिए ज्यादा दिमाग ना लगाना पड़े और आसानी से समझ आ जाएप्रोड्यूसर कभी भी अपना पैसा ऐसी फिल्मों में नहीं लगाना चाहेगा जो की फ्लॉप होने वाली है उनका में मकसद सोसाइटी में कुछ बदलाव लाना या ऑस्कर जितना नहीं होता बल्कि उनका पैसा कमाना होता है अगर फिल्म का बजट 10 करोड़ है तो ओबवियसली हो जाएंगे कि उनका काम से कम 15 से 20 करोड़ या उससे ज्यादा का रिटर्न मिले तो इसीलिए वह वही फिल्में बनाते हैं जो ऑडियंस देखना पसंद करती है अगर बागी वन 100 करोड़ कमाती है तो जाहिर सी बात है कि उसके मेकर बागी टू भी बनाएंगे बागी 3 भी बनाएंगे और बाकी पूरी बनाएंगे क्योंकि उनको पता है की फिल्मों के स्क्रिप्ट कितनी भी खराब फिल्में 100 करोड़ तो कमाई लगी वहीं दूसरी और अच्छी फिल्में अपना बजट तक रिकवर नहीं कर पाती और प्रोड्यूसर को नुकसान झेलना पड़ता है 2015 में आयुष्मान खुराना की फिल्म आई की हवाई ज्यादा फिल्म का बजट कब परचेज करो और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन था सिर्फ 3 करोड़ मतलब 22 करोड़ का लॉस 2018 की फिल्म भावेश जोशी सुपर हीरो अपना बजट तक रिकवर नहीं कर पे वही वारेड़ी वेडिंग में 140 करोड़ का मालिक तो ऐसी चीज होने पर प्रोड्यूसर ऐसी फिल्मों में इन्वेस्ट करना क्यों जाएगा कुछ प्रोड्यूसर रिस्क लेकर ऐसी फिल्में प्रोड्यूस भी करते हैं लेकिन फिल्म फ्लॉप होने के बाद वह अपनी मिस्टेक को दोहराना नहीं चाहते तीसरी बात आती है लोग अक्सर हॉलीवुड की फिल्मों को इंडियन फिल्मों से कंपेयर करते हैं जो की बिल्कुल गलत है हॉलीवुड और बॉलीवुड दोनों अपने आप में अलग-अलग इंडस्ट्रीज है दोनों के लैंडस्केप दोनों के ऑडियंस डिफरेंट है ऐसा नहीं है कि बॉलीवुड में हॉलीवुड लेवल की फिल्में नहीं बन सकती है

बॉलीवुड के पास भी अच्छे-अच्छे एक्टर से डायरेक्ट से लेकिन जहां अवेंजर्स जैसी मूवीस 2000 करोड़ होता है बोर्ड की सारी फिल्मों का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन होता नहीं होता हॉलीवुड के पास काफी ज्यादा ऑडियंस है जहां 2000 करोड़ का बजट होने के बाद भी वह उससे दुगना कामा है ।

Bollywood or Hollywood
Bollywood or Hollywood

जहां 2000 करोड़ का बजट होने के बाद भी वह उससे दुगना कमा लेते हैं एक फर्क जरूर है कि हॉलीवुड में लेकिन हां हॉलीवुड और बॉलीवुड में एक फर्क जरूर है कि हॉलीवुड में स्क्रिप्ट राइटर को इंपॉर्टेंट दिया जाता है की दिया जाता उसके पास सबसे आखिरी बिंदु हमारी इंडियन ऑडियंस की चॉइस को पसंद होता है एक डेशिंग हीरो एक सेक्सी हीरोइन लव स्टोरी कॉमेडी वाले गाने जिसे आमतौर पर हम एक मसाला मूवी कहते हैं तो फिल्म का सुपरहिट होना कंफर्म है आजकल पुरानी फिल्मों के गाने जाते हैं जिसे यूट्यूब पर जाते हैं और पैसा कमाने के लिए बनाए जाते हैं जो फिल्में बनता रहेगा और हम बस कंप्लेंट करते रहेंगे की बॉलीवुड में अच्छी फिल्में क्यों नहीं बनती तो यह सब हम ऑडियंस के हाथ में है कि हम अपनी मेंटालिटी बदले अपनी चॉइस बदले और अच्छी फिल्मों को सपोर्ट करें ताकि धीरे-धीरे अच्छी कंटेंट वाली फिल्में बना सके।

दोस्तों यदि दो आपको दो ऑप्शन दिया जाता है जिसमें से एक बॉक्स में आपको सोना दिया जाता और एक बॉक्स में आपको कचरा दिया जाता है तो आप किसे देखना पसंद करेंगे या फिर किस लेना पसंद करेंगे अब ऑफीशियली बात है कि आप सोने वाले बॉक्स को ही लेना चाहेंगे इस तरह से आप समझिए कि एक तरफ हॉलीवुड है और एक तरफ से बॉलीवुड है तो आप किस से ज्यादा पसंद करेंगे हॉलीवुड को या फिर बॉलीवुड को हॉलीवुड में सोना और सोना ही भरा है और बॉलीवुड में सिर्फ कचरा और कचरा ही भरा है तो जाहिर सी बात है आपको हॉलीवुड के ही तरफ जाना चाहिए अब हम आपको समझाएंगे की हॉलीवुड में किस तरह से सोना है और बॉलीवुड में किस तरह से कचरा है हॉलीवुड में हमको यह देखने को मिलता है कि आगे चलकर भविष्य में हमारा दुनिया कैसा होगा या फिर लोग कैसे होंगे लेकिन आपको बॉलीवुड में यह सब कुछ नहीं सिखाया जाता है सिर्फ आपके बेवकूफी भरा एक स्टोरी और कहानी पेस्ट कर दिया जाएगा और हीरो सिर्फ और सिर्फ बकवास करता रहेगा जो कि एकदम से लोगों को पसंद आया आएगा और लोग तालियां बजाने लग जाएंगे लेकिन हॉलीवुड को फिल्मों को पसंद नहीं करेंगे क्योंकि उनके दिमाग के ऊपर चला जाता है यह सब फिल्म जिसकी वजह से लोग बॉलीवुड फिल्मों को देखना पसंद करते हैं लेकिन हमारे यह मानना है कि दोस्तों आपको जहां पर ज्ञान की दो बातें मिल रही है वह आपके लिए अच्छा है यह आपके लिए अच्छा नहीं है कि दो लोग लौंडिया जा रही है और उनके पीछे कमरे को ले जाया जा रहा है उनके पीछे वाले भाग को दिखाया जा रहा है आपको वासना एक अच्छी चीज नहीं है दोस्तों जो किया आपके लाइफ में काम आएगा वहां सिर्फ आपको बर्बाद कर सकता है लेकिन हॉलीवुड फिल्मों में एक ज्ञान दिया जाता है जो आपके हमेशा फ्यूचर में काम आएंगे और आपको कैसे संघर्ष करना है यह भी आपको सिखाया जाता है जिसके वजह से हॉलीवुड फिल्में ही बढ़िया है और हमारा मानना है कि आप हॉलीवुड फिल्म कोई देखना पसंद करें तो इससे यह साबित हो जाता है कि हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों में हॉलीवुड को ही देखना लोग पसंद करेंगे ।

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