भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी का प्रधानमंत्री बनने का सफर बहुत ही अनोखा है । जबकि नरेंद्र मोदी के परिवार वालो में से कोई भी चुनाव, राजनैतिक से दूर – दूर तक कोई भी संबंध नहीं है, क्योकि भले ही आज हम अपने ज़िन्दगी में कुछ भी बड़े मुकाम हासिल करते है जिसमे कही न कही हमारे परिवार वालो या फिर रिश्तेदारों का हाथ तो होता ही है या फिर हम ऐसे कह सकते है, कि हमारे सफल इंसान बनने में किसी न किसी का तो हाथ होता है । चलिए आज हम जानने की कोशिश करेंगे की मोदी जी के सफल बनने में किसका हाथ है :-
नरेंद्र मोदी को कभी नहीं सोचा था लोगो की वह भारत देश के प्रधानमंत्री बनेगे वह भी एक चाय बेचने वाला देश की सत्ता को सम्भालेगा और दुनिया को भारत देश के विशाल होने का सबक देगा । आज भले ही हम नरेंद्र मोदी को एक चाय बेचने वाला समझते है, लेकिन नरेंद्र मोदी एक संघर्षशील व्यक्ति है । जिनकी देश को बहुत ज़रूरत था और वह प्रधानमंत्री बन कर इस जरुरत को पूरा किया है, आज भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नरेंद्र मोदी के नारे लगा रहे है मोदी सरकार कभी भी सत्ता के लालच में नहीं आये और उन्होंने अपने कार्य को पूरा किया । मोदी जी अपने आप को कभी भी देश के प्रधानमंती या फिर देश के राजा होने की नजरिये से कभी भी घमंड नहीं किया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से ही ऐसे नहीं थे, बल्कि उनके ज़िन्दगी में बहुत से परेशानिया सामने आई है । पहले वह बहुत ही गरीब थे, फिर वह अपने महेनत से अपने आप को बदला फिर पुरे देश को बदला चलिए जानते है –
नरेंद्र मोदी का शुरुवाती सफर :-
नरेंद्र मोदी पहले देश के जनता के सामने एक चाय बेचने वाले के रूप में आये । नरेंद्र मोदी का जन्म सन 1950 में वडनगर में हुआ था, वे बहुत ही गरीब और सदा परिवार में जन्मे थे आज मोदी लगभग 70-75 साल के हो गए है । मोदी जब 17 साल के हुए तब वह अहमदाबाद आ गए, मोदी ने 17 साल के उम्र से राजनैतिक में कदम रखना शुरू कर दिया था और उन्होंने अहमदाबाद पहुंचते ही राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता लेकर जुड़ गए । वह आर एस एस के बड़े नेता और कार्यकर्ता के रूप में सामने आये । नरेंद्र मोदी बचपन से अपने गरीब होने पर और चाय बेचने पर कभी भी अफशोस नहीं करते थे, वह जानते थे कि जो कुछ उनको गरीबी सिखाएगी वह दुनिया कि कोई कॉलेज और यूनिवर्सिटी नहीं सिखाइयेगी ।
BJP भारतीय जनता पार्टी का मोदी पर क्या प्रभाव पड़ा :-
जब नरेंद्र मोदी गुजरात में 1980 सन भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया तो उस समय पार्टी के संघ को अलग ही प्रभाव देखने को मिलता है । जब मोदी 1988, 1989 और 1990 के समय में भारतीय जनता पार्टी के महासचिव बने उस वक़्त में उन्होंने ने लाल कृष्णा आडवाणी के सोमनाथ और आयोधया के रथ यात्रा को सफल बनाने में अपने ज़िन्दगी का पूरा ज़ोर लगा दिया था, फिर पूरी यात्रा को सफल बनाने के बाद वह अपना जीवन का महत्वपर्ण कार्य को सफल बना पाया ऐसा उन्होंने अपने मन में सोचा और उनको इस कार्य के पूरा होने के बाद शांति की प्राप्ति हुआ ।
नरेंद्र मोदी ने शुरुवात में दो तीन और पांच राज्य की कमान को संभाली फिर उसके बाद मोदी अचानक से पूरी तरह से फेमस हो गए और वह प्रधानमंत्री के लिए भारतीय जनता पार्टी के द्वारा प्रतिनिधि चुने गए और उनको पार्टी ने टिकट दे दिया फिर जब 2014 के चुनाव हुए । जिसमे नरेंद्र मोदी ने भरी बहुमत से चुनाव को जित हाशिल किया था।
नरेंद्र मोदी बचपन में नेता नहीं बनना चाहते थे :-
नरेंद्र मोदी जब छोटे बचे हुआ करते थे, तब वह सभी बच्चो से अलग हुआ करते थे वह अपने उम्र के बच्चे से बहुत अलग थे और साथ ही बहुत हिम्मती भी थे । एक बार कि बात है जब मोदी जी छोटे बच्चे थे तब उन्होंने एक घड़ियाल का बच्चा उठा कर घर ले आये थे । जिसको देख कर उनकी माँ एकदम से डर गयी कही मेरे बच्चे नरेंद्र को वह गढ़ियल काट न ले ऐसा सोचकर उनकी माँ एकदम से घबरा गई । जिसके बाद उनकी माँ ने मोदी से कहा कि जाओ उसको जहा से उठाकर लाये हो वही पर उसको छोड़कर आना, जिसके बाद नरेंद्र मोदी नहीं माना उसके बाद उसकी माँ ने ऐसा कुछ बोल दिया की मोदी पीघल गया और उसके तुरंत भाग कर घड़ियाल को छोड़ने के लिए राजी हो गया उनकी माँ ने मोदी से कहा की जिस तरह से तुमने उस घड़ियाल के बच्चे को उठाकर ले आया थे । उसी तरह से कोई बेटा तुमको हमारी नजरो के सामने से उठाकर ले जायेगा तो हम कैसे जियेंगे तुम्हारे बिना फिर मोदी, समझ गए की आगे क्या करना है और फिर मोदी उस जानवर को उसके माँ के पास छोड़कर आ गए है । तभी से मोदी जी दुसरो के दुःख और दर्द को समझने लगे और अपने ज़िन्दगी के सारे रिश्ते गरीबो और देश के लिए निरछावर कर दिया है । मोदी जी, का सपना था की वह साधू बनेगे, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका क्योकि उनकी माँ को बिलकुल भी पसंद नहीं था कि उनका बेटा साधू बने बल्कि वह चाहते थे । उनका बेटा उनके पास में रहे और अपना जीवन एक गृहस्त परिवार में बांध कर जिए ऐसा चाहते थे ।
नरेंद्र, के माता जी को जब पता चला की मोदी जी साधु बनना चाहते है तब उन्होंने उनका रिश्ता एक अपने ही समाज की लड़की के साथ करने के लिए नरेंद्र मोदी को लेकर चली गयी तब उनको पता चला की यदि वह अब उनको किसी लड़की के पल्लू में नहीं बाँध पाई तो कभी भी वह उनको नहीं समझा सकती है तो उसने यह फैसला किया की अब वह मोदी जी का शादी करा देगी और उनको कभी भी साधू नहीं बनने देगी यही कारन है कि मोदी जी कभी भी किसी को अपने मकसद और देश सेवा के बीच नहीं आने देना चाहते थे । जिसके वजह से ही उन्होंने अपने घर परिवार सबको छोड़ दिया और अपनी ज़िन्दगी को देश के मार मिटने का फैसला लिया, वह कभी भी नहीं चाहते थे कि वह अपने मन को थोड़ ले और देश सेवा से पीछे हट जाये जिसके वजह से ही मोदी ने आज अपने कठिन परिश्रम और महेनत क़े बदौलत आज पूरी दुनिया को दिखा दिया की मोदी क्या चीज है और भारत देश किसी से काम नहीं है ।
मोदी क़े प्रधानमंत्री बनने क़े बाद बहुत से ऐसे काम किया जिसके बारे में आप सोच नहीं सकते है । मोदी ने स्किल इंडिया से लेकर कौसल भारत जैसे प्रोग्राम चलाये और फॉरेन इन्वेस्ट भी भारत देश में लाये जिसके बाद मोदी जी क़े इस फैसले क़े बाद मानो भारत देश अलग ही दिशा में दौड़ने लगा और अपने इस फैसले क़े कारण ही मोदी जी अपनी एक अलग पहचान लोगो क़े दिलो में छोड़ पाए है । आज सभी मोदी क़े काम और महेनत हर कोई जानते है कि वह कैसे एक गरीबी से आगे बढ़ कर देश और दुनिया में अपना और देश का नाम अच्छा किया है यह सब को पता है, नरेंद्रमोदी क़े प्रधान मंत्री बनने का सफर आपको कैसा लगा नीचे कॉमेंट में जरूर बताये ।।