crores in India

बॉलीवुड (Bollywood) मूवी कैसे कमाता है पैसे, चलिए जानते है

बॉलीवुड के मूवी के बारे में आपने सुना होगा की इस मूवी ने कमाया इतना सारा पैसा, आपने सुना होगा की कैसा कई मूवी ने एक ही दिन में करोड़ो का कमाई करके एक रिकॉड बना देता है । आज हम एक भी ऐसे फिल्म को नहीं देखते है जिसने पैसे नहीं कमाया होगा भले ही पिचरे फ्लॉप हो जाते है पर वह कही न कही से कमाई जरूर करने लगती है । ऐसे में हमको जानना जरुरी है कि एक फिल्म कैसे कमाई करती है और इसके पीछे में क्या – क्या पलाइन होते है, चलिए आज हम जानते है –

बॉलीवुड पैसे कैसे कमाता है यह जानने से पहले हमको यह पता होना चाहिए के बॉलीवुड क्या चीज है । आप सभी ने भारतीय फिल्म को देखा होगा जो कि पुरे देश के लिए बनाया जाता है जो कि बॉलीवुड इंडरस्ट्रीज के अंदर आता है । हम इसको इस तरह से समझ सकते है यदि आपको बिजनेस करना है, तो आपको पता होना चाहिए कि किस शहर में आपको बिजनेस करना चाहिए या फिर आपके लिए एक प्लेटफार्म होना चाहिए । जहा आप अपना व्यापार का प्रचार प्रसार कर सके या फिर आपके द्वारा बनाये गए प्रोडक्ट कि जानकारी आप सब तक पंहुचा सके तभी तो आपके द्वारा बनाये गए, प्रोडक्ट को खरीदेगा । जब कोई इंसान जानेगा कि इस कंपनी का सामान यहाँ मिलता है तभी तो कोई खरीदेगा ठीक इसी तरह बॉलीवुड एक जगह है जहाँ से एक्टर, डायरेक्टर, आदि लोग पैसा कमाते है ।

बॉलीवुड एक समुंद्र की तरह है । जिससे आप जितना ज्यादा पानी निकालोगे उतना काम है, बॉलीवुड बिलकुल उस समुंद्र के जैसा है जिससे आप जितना ज्यादा पैसा निकलोगे वह उतना ही काम है । आप सोच नहीं सकते है इतना ज्यादा पैसा है बॉलवुड और फिल्म प्रोडक्शन में जितना ज्यादा पैसा उतना ज्यादा रिक्स भी है ।

first 1000 crore film

 

भारत आज फिल्म बनाने के मामले में सभी देशों से आगे है । भारत में हर साल 1100 से 1500 फिल्में बनाई जाती है,जिनमें से 150 से 200 फिल्में तो अकेले बॉलीवुड बना लेता है अक्षय कुमार, सलमान खान आमिर खान के लिए 100 करोड़ की कमाई करना तो जैसे बच्चों का खेल हो गया है लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि बॉलीवुड इन फिल्मों से कमाई कैसे करता है यह पैसा कितने लोगों में बटता क्या प्रोड्यूसर के पास ही फिल्म की सारी कमाई जाती है सिनिमा हॉल कैसे कमाई करता है ।

फिल्म के बिजनेस में दो इंपॉर्टेंट प्लेयर्स माने जाते हैं । प्रोड्यूस्ड और डिस्ट्रीब्यूटर्स प्रोड्यूसर वह कंपनी है जो अपना पैसा फिल्म बनाने में लगता है और डिस्ट्रीब्यूटर वह कंपनी होती है जिसकी जिम्मेदारी फिल्म का सिनेमाघर तक पहुंचाने और इसकी मार्केटिंग की होती है बड़ी बजट की फिल्मों में ज्यादातर प्रोड्यूसर और डिस्ट्रीब्यूटर्स एक ही होते हैं एक फिल्म की कंप्लीट हो जाने के बाद प्रोड्यूसर इस फिल्म को लेकर डिस्ट्रीब्यूटर के पास जाता है और दोनों के बीच एक डील साइन होती है यह डिल कई तरह की हो सकती है कुछ डील इस तरह की होती है जिसमें डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को प्रोड्यूसर को मिनिमम अमाउंट देना पड़ता है जैसे कि अगर 100 करोड़ के बजट की कोई फिल्म बनी है तो 20 करोड़ और बाकी की कमाई के लिए दोनों प्रॉफिट शेयर कर लेते हैं यह पहला तरीका जिसमें रिक्शा दोनों में बराबर डिवाइड हो जाता है दूसरा तरीका यह है कि प्रोड्यूसर अपनी फिल्म को पूरी तरह ही डिस्ट्रीब्यूटर को भेज दे इसमें प्रोड्यूसर अपना पैसा लेकर बैठ जाते हैं और जो भी रिस्क होता है वह डिस्ट्रीब्यूटर क्या होता है शायद आप लोगों ने मेरा नाम जोकर फिल्म देखी हो 1970 में रिलीज हुई है फिल्म एक करोड़ के बजट पर बनी थी और भारत में फ्लॉप हो गए इस फिल्म के कारण राज कपूर जो उसके प्रोड्यूसर भी थे वह कर्ज में डूब चुके थे इसके बाद इस फिल्म के राइट सोवियत यूनियन की कंपनी को भेच दिए जब सोवियत यूनियन में फिल्म रिलीज हुई तो ब्लॉकबस्टर साहब फिल्म में 16.8 करोड रुपए कमाए जो आज के समय के हिसाब से 1000 करोड़ से भी ज्यादा का कलेक्शन था लेकिन क्योंकि राज कपूर ने फिल्म के सभी राइट्स उसके कंपनी को भेज दिए थे इसलिए इस कमाई का कुछ भी हिस्सा नहीं मिला । प्रोड्यूसर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स के बीच एक और तरह का एग्रीमेंट हो सकता है जिसमें डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी प्रोड्यूसर तो कुछ भी पहले से पे नहीं करती है और फिल्म का टोटल कलेक्शन में से कमीशन ले लेती है प्रोड्यूसर से फिल्म का डिस्ट्रीब्यूटर के पास आ गए अब क्या होगा डिस्ट्रीब्यूटर्स इन फिल्म को चलाने के लिए अब सिनेमा हॉल्स के साथ डिल साइन करते हैं की फिल्म किस तरह की है मान लीजिए किसी स्टार की फिल्म है तो पहले हफ्ते में टिकट का टिकट का प्राइस आधा-आधा स्पिरिट होता है मतलब 50-50 अगर यह मीडियम बजट फिल्म है तो सिनेमा हॉल 55% तक कट भी रखता है और लो बजट फिल्म सिनेमा हॉल 60 से 65% तक का काट भी मिलता है क्योंकि फिल्म चला कर भी वह एक रिस्क ले रहे हैं आप ध्यान रखिएगा कि पहले हफ्ते के कट लिए इस बात पर डिपेंड करता है की फिल्म कैसा परफॉर्म कर रही है जैसे मान लीजिए की कोई फिल्म हिट हो गई है

India’s first 2000 crore film

और उसने एक तैयार की गई रकम से ज्यादा पैसा कमा लिया है ये सिनीमा हॉल वाले डिस्ट्रीब्यूटर को 52% डिस्काउंट देने लगेंगे और खुद 48% रखेंगे धीरे-धीरे लोगों को इंटरेस्ट फिल्म में कम जाता है अपने पास रखने लग जाते हैं 4 से 5 हफ्तों के बाद सिनेमा हॉल्स कट 50% से बढ़कर 65% तक पहुंच जाता है इसलिए आपने देखा होगा कि 4 से 5 हफ्ते बाद यह फिल्म सब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आ जाती है क्योंकि डिस्ट्रीब्यूटर कोई स्वयं की टिकट क्या सिर्फ 35% हिस्सा मिल रहा होता है। फिल्म रिलीज होने से पहले ही ओटीटी प्लेटफॉर्म के साथ एक डील साइन कर लेते हैं कार्तिक आर्यन की फिल्म भूल भुलैया 2 के लिए नेटफ्लिक्स के साथ 30 करोड़ के लिए डील साइन हो गई थी यह डील कई तरह से की जाती है कभी-कभी डिस्ट्रीब्यूटर कुछ सालों के लिए फिल्मों को बेचते हैं तो कभी-कभी लाइफटाइम के लिए भी भेज देते हैं ओट प्लेटफॉर्म डील का एक बड़ा हिस्सा एक्सक्लूसिवली कॉन्ट्रैक्ट भी होता है यानी कि देखना है जैसे रणवीर सिंह की फिल्म 83 नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार दोनों पर अवेलेबल है जो फिल्में सिर्फ एक ही प्लेटफार्म पर रिलीज होती है उसके लिए नेचरली उसे प्लेटफार्म को ज्यादा पैसे देना पड़ता है डिस्ट्रीब्यूटर अलग-अलग प्लेटफार्म से फिल्म भेज कर कई बार एक सिंगल डील साइन करके ज्यादा पैसा कमा लेते हैं सैटेलाइट राइट्स बेचना सैटेलाइट राइट्स को आप टीवी राइट्स भी कह सकते हैं टीवी चैनल को पैसा देते हैं अगर कोई फिल्म पहली बार टीवी पर दिखाई जा रही है तो उसे चैनल को ज्यादा पैसा देना पड़ता हैपर साथ ही उसे सबसे पहले फिल्म दिखाने का मौका भी मिलता है जिससे उनकी टीआरपी काफी बढ़ जाती है जिसमें वह उन्हें भी उन फिल्मों के चलने के राइट्स देते हैं क्या किसी और चैनल के पास भी पहले से ही राइट्स मौजूद है या नहीं सिनेमा जैसे सभी चैनल भी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स को पैसा देते हैं इस राइट के बिजनेस की वजह से ही शायद अब आप समझ पा रहे होंगे कि क्यों सेट मैक्स पर ज्यादातर अमिताभ बच्चन की सूर्यवंशम चलती रहती थी क्योंकि उनके पास ज्यादा फिल्म इन सभी डील्स में बहुत सारे अलग-अलग मेडल मन भी होते हैं जो अपना कट लेते रहते हैं जैसे कि डिस्ट्रीब्यूटर के अंदर कई सारे सब डिस्ट्रीब्यूटर्स कम कर रहे होते हैं जिनमें से कुछ ओटीजी को देखते हैं कुछ सिनेमा टीवी राइट्स को इन सभी लोगों से होता हुआ फाइनली पैसा दोबारा प्रोड्यूसर के पास पहुंचता है और उसे पता चलता है कि फायदे का सौदा था या घटेगा बॉलीवुड में काफी पैसा है और शादी हमारे देश के स्टार कलर के कारण 300 करोड़ से ज्यादा हो गए और वह सिर्फ अब अपनी फिल्मों के लिए फीस नहीं लेते कई एक्टर्स फिल्मों में प्रॉफिट शेयरिंग भी करते हैं यानी प्रोड्यूसर को मिलने वाले पैसे में से काफी हिस्सा इन एक्टर्स के पास भी जाता है सलमान खान की बात करें तो नॉर्मली सलमान खान एक फिल्म के लिए 70 करोड रुपए की फीस चार्ज करते हैं लेकिन अपनी फिल्म सुल्तान के लिए उन्होंने प्रॉफिट शेयरिंग मॉडल को चुनाव 83 करोड रुपए की कमाई हुई थी और प्रोड्यूसर तक पहुंचाते हैं सलमान को 50% पैसा दिया गया था बॉलीवुड का बिजनेस मॉडल पैसा कैसे कमाते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *