आप सभी लोगों को क्या आदि पुरुष मूवी देखनी चाहिए या फिर नहीं देखनी चाहिए जिसके लिए हम लोगों ने आप लोगों को ऐसे 12 पॉइंट बताए हैं जिनसे आपको पता चल जाएगा कि यह मूवी कितना ज्यादा घटिया है ।
1. आदिपुरुष को देखते वक्त आपको यह सब कुछ भूलना पड़ेगा यह फोन को देखने की सबसे बड़ी शर्ट है कलयुग की रामायण है कलयुग की डायरेक्टर ने बनाई है इसमें त्रेता युग वाला एंगल ढूंढने से भी नहीं मिलेगा अपने तरीके से नए फैशन की रामायण बनाने की लेकिन इस बनने में तो रामायण की कहानी बदल के रख दी मतलब रावण ने जब सीता माता का हरण किया तो राम देख रहे थे अपने सामने यह सब कुछ होते हुए मैं नहीं बोल रही हूं उसने दिखाया फिल्में
2. वीएफएक्स की शिकायत हम लोग टीजर ट्रेलर देखने के बाद से किया जा रहे हैं भाई साहब वह तो कुछ भी नहीं था टीचर के हाथ पैर जोड़ लो असली गोबर तो इन लोगों ने फोन के अंदर किया है जिसके सामने छोटा भीम भी मास्टर पीस है रियल लोकेशन पर फोन को शूट तक नहीं किया गया सिर्फ कमरे के अंदर ग्रीन स्क्रीन पर पूरी पिक्चर बना दी कहीं नीला आसमान कहीं नीला आसमान बस बन गई फिर कहां गए वो दिन जब रामायण के बारे मेंसोच कर ही दिमाग में जंगल आते थे सुंदर जानवर से भरे हुए ।
3. आदि पुरुष का सबसे बड़ा एडवांटेज होने वाला था एल्डर ऑडियंस का सपोर्ट हम लोग के सीनियर सिटीजंस या फिर पेरेंट्स वाली जनरेशन के साथ कनेक्शन फैमिली ऑडियंस बट सैडली फूल में इतना ज्यादा कार्टून कैरेक्टर्स का उसे किया गया है कि उसे जनरेशन को कहीं से भी वह रामायण वाला फिल्म तो नहीं आएगा इससे यकीन करोगे फिल्म के अंदर पूरे 3 घंटे में मुश्किल से 8 या 9 इंसान देखे होंगे बाकी सब कार्टून है टोटल एलिवेशन चल रहा है एवं रामलीला का जो प्ले होता है स्टेज के ऊपर उसमें भी जानवर वाले कैरेक्टर इंसान प्ले करता है वहां कोई खिलौना तो नहीं रख देते ना हम लोग तो सोचो कार्टून किसी इंसान की जगह कैसे ले सकता है और उसे कार्टून के साथ पब्लिक से उम्मीद करना फीलिंग जोड़ने की बेईमानी है ।
4. सॉरी पकड़ी गई मार्क्स ने आदि पुरुष को रामायण के नाम पर बेचकर पैसे छापने का प्लान तो बढ़िया बनायासॉलिड कमल होती लेकिन एक छोटी सी प्रॉब्लम यह हुई की रामायण के बारे में सही ढंग से रिसर्च करना भूल गए या फिर पब्लिक की समझदारी को हल्के में लिया इन्होंने था ब्राह्मण था राजा था शिव भक्त था यह क्या दो कौड़ी का लुक दिया है आपने उसको हेयर स्टाइल एक काला गंदा सा कपड़ा पहन कर घूम रहे हैं यह देखो रावण ऐसा दिखता था भैया सोच घटिया होगी लेकिन रहन-सहन तो राजा वाला था उसका यार ऊपर से 10 साल वाले सीन सबसे वर्स्ट पार्ट है पूरी फिल्म का इतना घटिया स्पेशल इफेक्ट्स जिसके सामने कुछ जूस की दुकान पर सलमान कैटरीना का पोस्टर बढ़िया लगेगा सीता माता का ड्रेसिंग सेंस इतना ज्यादा भी मॉडल नहीं करना था मेरे भाई भगवान है वह पूजा जाता है
5.आदि पुरुष को देखने के बाद आपको रिलाइज होगाइंडियन सिनेमा में प्रभास नाम की दो एक्टर्स हैं हां सच में बाहुबली वाला तूफान के जैसा जिसके सामने पूरा इंडियन सिनेमा झुक गया था ऐसी परफॉर्मेंस की वॉल्यूम बंद करने के बाद भी सुनकर डायलॉग दिमाग में सुनाई देते हैं साफ-साफ और दूसरा यह आदि पुरुष वाला प्रभाव जो मुझे तो ऐसा लग रहा है कोई डमी या फिर रोबोट है जिसको बस प्रभास की शक्ल छिपकली है बंदे की बॉडी लैंग्वेज एकदम को है यार अभी राम भगवान बनाया गया है तुमको लोग तरफ से पूरे शरीर में ऐसा रोल पाने को सिर्फ एक जैसे चेहरे के साथ बिल्कुल फ्लैट लाइन की तरह पूरे 3 घंटे की फिल्म कर देना भाई यह वाला प्रभास इंसान नहीं लगता पता करो कोई मशीन आई है।
6. यह पर आपको भरोसा ही नहीं होगा मेरे दोस्त में खुद सर्वे में आ गई हूं कोई ऐसा करने के बारे में सोच भी कैसे सकता है फिल्म डायलॉग का जो स्टैंडर्ड है वह इतना नीचे लेवल का है एकदम घटिया जैसे सड़क आप लोग बोलते हैं ठीक वैसा मतलब हनुमान जी किसी को बोल रहे हैं अब तेरी जलेगी अब मैं तेरी लंका लगाऊंगा लिटरेरी मैं तो सुनकर यह डायलॉग पास करके हो गया और राम भगवान से भी तू तड़प करके बातें की गई है तू यहां से हट जा चल भाग जा यहां से खुल्लम-खुल्ला मजाक उड़ा रहे हैं बेशर्मी से मतलब सारी लिमिट्स को क्रॉस कर दिया है भाई स्कूल में कोई तमीज ही नहीं बची इसका जवाब तो देना पड़ेगा
7. एक अच्छी बात यह की फिल्में अगर एक चीज ऐसी है जो बार-बार आपको याद दिलाती है कि हां आदि पुरुष का रामायण से बाकी कोई लेना-देना है तो वह है आदि पुरुष का म्यूजिक जिससे उनकी शुरुआत होती है लेकिन बाद में धीरे-धीरे गाने बहुत गलत जगह पर डाले जाते हैं
8. राम सीता की कहानी है ठीक लेकिन उम्र में उसको सुपर हीरो फूल बनाने की पूरी कोशिश की है और तक रामायण जैसा सब्जेक्ट जिसका इस्तेमाल होता है सही गलत का मैसेज देने के लिए क्लाइमेक्स में आप 40 मिनट की लड़ाई कैसे दिख रहे हो और लड़ाई भी कौन सी कार्टून लड़ रहा है दूसरे कार्टून से जी एक्टर को देखने के लिए टिकट का पैसा दिया वह गायब है स्क्रीन से मतलब भरोसा करो आप इतना जिला है ना उनका सेकंड हाफ सबने लोक उठ के चले गए बार-बार एक ही लड़ाई रिपीट हुए जा रही है कंटेंट के नाम पर जीरो है
9. यह ना बोलने में मुझे गलतफा फील हो रहा है लेकिन सच तो बताना पड़ेगा रावण का कैरेक्टर सॉलिड बनाया गया उसको शिव भगवान के साथ जोड़कर खूब सारा स्क्रीन टाइम भी दिया एक मस्त गाना भी है लेकिन राम वाला कैरेक्टर एकदम वीक दिखाया गया जानबूझकर उसको बोरिंग भी बनाया गया जिससे पब्लिक टोटल इग्नोर मार दे इनको यकीन करो उनके रूप में एक्टिंग के अंदर तुमको खो जाते हैं इस बिंदु के बाद मुझे नहीं लगता फ्यूचर में कोई भी अपने बच्चों को इस रामायण के बारे में बताना जाएगा रामानंद सागर वाली बेस्ट है और यहीं से बनता है ।
10. रामायण की कहानी हम सब अच्छे से जानते हैं बचपन से फिर भी जब वह रामानंद सागर वाली रामायण टीवी पर आती है ना तो एक साथ पता नहीं कितने एपिसोड बिना देख के देख जाते हैं पता ही नहीं चलता और हर बार ऐसा लगता है कुछ नया देख रहे हैं अगले सेन का एक्साइटमेंट बना रहता है पूरे टाइम लेकिन आदि पुरुष को देखते वक्त तीन घंटे भी झेलना जाएंगे आपसे इतना स्लो स्क्रीन पर की मातापिता लोग अपना रामायण तो ऐसा सब्जेक्ट है जिसके बारे में दिन-रात बातें की जा सकती है यहां इन लोगों से 3 घंटे भी संभाले नहीं गए सुपर डुपर बोरिंग सिनेमा पर इस बात का सबसे बड़ा रीजन है ।
11. फिल्म में जो एक्टर सेलेक्ट किए गए वह शायद समझ ही नहीं कि यह फोन उनकी जिंदगी बदल सकती थी हर किसी ने ऐसे काम किया है जिससे हर दूसरी बॉलीवुड फिल्में किया जाता है मतलब कैरेक्टर की इंपोर्टेंस रिलाइज ही नहीं किया लोगों ने जब रामायण जैसे सब्जेक्ट में फूल बनती है तो डायरेक्टर प्रोड्यूसर यह सब बाद में आते हैं पहली जिम्मेदारी एक्ट्रेस को लेनी पड़ती है सैलरी आदि पुरुष में किसी ने भी स्टैंड आउट नहीं किया डायलॉग बोले जा रहे हैं बिना मतलब के ऊपर से डायलॉग बोलने का तरीका उससे भी ज्यादा एक्साइटेड थी उसे बेचारी का तो रोल ही नहीं है यह अशोक वाटिका है सच बोलो और मुझे तो ऐसा लगता है आदि पुरुष के मेकअप से जो रामायणपड़ी थी उसमें लक्ष्मण का नाम शायद था ही नहीं क्योंकि फूल में उनका रोल टोटल जीरो है हनुमान जी को दिल से प्यार करती हूं मैं इसलिए आउट ऑफ रेस्पेक्ट कुछ नहीं बोलूंगी वरना जैसे शब्दों में बोले गए हैं बस सैफ अली खान ने कुछ हद तक अपना कैरेक्टर पकड़ने की कोशिश तो की है जितना मिला उसके साथ इंसाफ किया गया लेकिन मॉडर्न बनाने के चक्कर में डायरेक्टर ने उनकी मेहनत को ग्रहण लगा दिया लोक खराब अलग से चिपका दिया
12. प्रभास को गार्डन के चक्कर में फिल्म के अंदर राम बना तो दिया लेकिन शायद एक बार ऑडिशन करके देख लेते तो हीरो कोई और ही होता आज फिल्म के अंदर एक सीन है जिसमें राम भगवान का पास दिखाया जाता है जब वह बनवास को जा रहे थे क्या व्हाइट ड्रेस में प्रभास का इतना गंदा लुक है जितना शायद दूसरा कोई एक्टर आज तक स्क्रीन पर इतना गंदा दिखाई नहीं होगा और ना कभी कोई और दिखेगा आज भी बोलता हूं मैं एकदम खुल्लम-खुल्ला के अंदर रामचरण की मुझे कुछ मिनट के सीन इस पूरे 3 घंटे भारी है भाई साहब यह पी बहुत ही ज्यादा घटिया बनाया गया है अपना ओपिनियन हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं