एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाय जाता है । भारत देश republic day के दिन को राष्ट्रीय पर्व ही नहीं उन वीर जवानों की याद में मेरा पूरा भारत देश इस पर्व को एक तैवाहार की तरह मनाता है, हमारा पूरा भारत देश इसी तरह इस साल भी 2024 में भी 75 वा गणतंत्र दिवस मनाया जायेगा । डॉ भीम राव आंबेडकर ने भारतीय सविंधान का नए तरीके से बनाया था । 1935 के अधिनियम को हटाकर 1950 को लागू किया गया था । आपको शायद यह पता नहीं होगा कि इससे पहले हमें अंग्रेजो के बनाये गए सभी अधिनयम कानून, नियम, आदेशों को मानना पढता था । जिससे हमारे भारतीय भाई और बहनो को बहुत अधिक कस्ट का सामना करना पढ़ता था । क्या आपको लगता है ? हमारे भारतीयों का सामना इन तकलीफो का सामना करना पढता था ।
हमरा भारत देश 100 साल से भी ज्यादा समय तक गुलाम था । जिस समय में लोगो ने बहुत से तकलीफ और अपने जीवन में देखा है जिसको आज हम देख नहीं पा रहे है । आज हमारे आखो में पर्दा लग चूका क्योकि हम अपने हर धर्मो के लोगो देख है, जिन्होंने अपना पूरा बलदान देश के प्रति कर दिया लेकिन हमें आज कल यह देखने को बिलकुल भी नहीं मिलता है । आज हम सिर्फ सत्ता के दलालो को देखते है जो केवल कुर्शी के लिए और अपने मतलब और दिखावे के लिए लड़ाई करते है । हमें कही भी देश प्रेम कही भी नहीं देखने को मिलता है सिर्फ और सिर्फ दोगलापन लोगे के अनादर में आ गया है । आज लोग सिर्फ बिकते है तो पैसे के लिए और कुछ भी उनका मकसद नहीं है । आज कोई लड़ाई लड़ रहा है तो वह सिर्फ अपने लिए और अपने परिवार के लिए रहा है । अपने परिवार वाद को केवल बढ़ावा दिया जा रहा है की कैसे मै अपने परिवार को आगे बढ़ते देखु बस यही मकसद बन के रहा गया है एक वह वक़्त था । जब केवल अपने देश के अपना जान भी देश प्रेम में देने के लिए लग जाते थे और घरो से लोग आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए सामने आ जाते थे, लेकिन आज हमें ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिलता है क्योकि लोग मतलबी और स्वार्थी हो गए है और कुछ नहीं है मित्रो क्या हमें अपने स्वार्थ को देश के बिच में लाना चाहिए नहीं न तो फिर भी लोग इसको सामने लाने में लग गए है हमें ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे देश के स्वाभिमान पर चोट आये और देश के ऊपर दाग लगे देश हमरा भगवान के जैसा है इसलिए भारत देश को भारत माता के नाम से पुकारा जाता है । भारत देश के कुछ ऐसे भारतीय लोग है जो भारत देश को माता मानने से इनकरते है वही देश के लिए दोस्तों दीमक के जैसा है जो देश में रहते हुए भी देश के लिए दोगलालपन्ति करते है । आज हमारे वीरो ने देश के लिए जान दे दिया और कई ऐसे लोग है जिनको उनका बलिदान दिखता नहीं है । वही लोग फिर आगे चलकर राजनैतक और आतंकी वाला काम करने लगते है फिर बोलते है कि इस पार्टी ने लोगो के अंदर आतंक भर दिया है । आप ने चोर – चोर भाई वाला कहावत तो सुना ही होगा वैसे ही देश कि हालत कुछ हो गया है ।
स्वतंत्र दिवस भारत देश का ऐसा दिवस है जो भारत को आजाद करने वाला दिवस है और गढ़तंत्र दिवस को हमारा सविंधान लागु किया गया था । पहले अंग्रेजो का समय था जिसमे हमें देखने को मिलता था कि अंग्रजो को कानून कितना सपोर्ट करता था लेकिन भारतीय लोगो के किये कठोर कानून था । जिसमे हमें यहाँ तक यदि किसी अंग्रेज के हाथ से हमारा देश वाशियो का मौत भी हो जाता तो उनके लिए हमरी ही गलती होती है । आपको हम समझते है पहले हमारे भारतीय लोगो के पास बैलगाड़ी हुआ करता था परन्तु विदेशियों के पास कार, बाइक, सायकल हुआ करता था । यदि आप उस टाइम आम भारतीय इंसान होते तो आप रस्ते में चलते तो आप कही सही से रस्ते में नहीं चलते और गलती से विदेशियों के गाड़ी के निचे आ जाते तो कही आपकी मौत भी हो जाती तो यह अंग्रजो की गलती भी दोस्तों आपकी गलती होती क्योकि आपको रास्ता चलना नहीं आता यह कहना था और किसी भी एक्सीडेंट में अंग्रेजो को सजा नहीं होती थी । आपको बता दिया जाये की उस समय सविंधान को अंग्रजो के हिसाब से लिखा गया था । जिसमे केवल अंग्रेजो का ही फ़ायद था और कुछ नहीं क्योकि यदि आप विदेशी सरकार के कानून को नहीं मानते तो आपको मौत की सजा भी हो सकती थी । आप यदि विदेशी गुलाम या कैदी होते तो आपको जेल में भी घर के जैसा अच्छा अच्छा खाने को और रहने नहाने खाने को जेल में मिलता लेकिन आप भारतीय गुलाम या आजदी के खिलाफ लड़ने वाले क्रांतिकारी होते तो आपको जेल में सही से खाने को नहीं मिलता और आप भूख से ही मर सकते थे और जीने की चाहत से ज्यादा आप मरने की कामना करते थे, जेल कुछ ऐसा था । हमें ऐसे ही आजादी नहीं मिला है और हम आज जितना आजादी से घूम रहे वैसा पहले कभी नहीं घूम सकते थे, कही न कही हम आजाद होते हुए भी अंग्रेज सरकार के गुलाम थे । हम कैसे भी हो उस समय आजाद होते हुए भी गुलाम ही थे । दोस्तों गुलामी चाहे कितना भी अच्छा क्यो ना गुलामी होता है क्योकि आप चाहे दूसरे के महल में कितना भी अच्छा रह ले । लेकिन आपकी झोपड़ी जैसा आजादी आपको उस महल में नहीं मिल सकता है । हमरा यह बताने का मकसद केवल आपको यह समझना है कि है किस तरह से गुलाम थे गुलामी क्या होती है आपको पता नहीं होगा क्योकि आपने कभी भी गुलामी नहीं किया है ना दोस्तों तो आपको कहा से पता रहेगा कि गुलामी क्या होती है । जैस भी हो दोस्तों आज हम जीतन आजाद है केवल भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के वजह से है । यदि आज उन्होंने अंग्रेज के खिलाफ यदि अपनी जान नहीं दिया होता तो आज हम किसी अंग्रेज के घर में लैटरिंग साफ़ कर रहे होते थे । आपको यकीं नहीं है तो दोस्तों आप अपने पिता के पैसे और घर के मद्दद के बिना एक महीना रह के देखिए आपको पता चल जायेगा कि दुनिया कैसे है और कितने लोग आपका साथ देते है । आपको खुद पता चल जाएग कि कितना मुश्किल है घर और परिवार वालो और माँ बाप के सहारे के बिना चलना । आपको खुद ही पता चल जायेगा हम आपको ऐसे ही नहीं कह रहे है दोस्तों आप ऐसा करके देखिये तो सही रास्ता आपको नजर ना आ जाये और आपको अपनी नानी याद ना जाये तो आप हमें कमेंट में बताये ।
भारत देश का रिपब्लिक डे किसी त्यौहार से काम नहीं है दोस्तों क्योकि इसमें हमारे वीर जवानो और राजा महाराजो का खून पसीना सब कुछ लगा है । यह मिटटी का भारत के देशवाशियों पर कर्ज है । जिसको हर भारतीय को चुकाना है । यदि आप इतना भी नहीं कर सकते है तो आप इतना तो कर ही सकते और जैसे अपने धर्मो के त्योहारों को मानते है वैसे ही अपने ज़िन्दगी के एक दिन को तो देश के इस त्यौहार को एक होकर मान सकते है ।